21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को लग रहा है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है।26 दिसंबर 2019 के बाद भारत भारत में करीब 6 महीने के बाद ही लम्बा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है। एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है। वहीं ज्योतिषियों के अनुसार एक ही माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही महामारी लेकर आते हैं।
6 घंटे लंबा होगा ग्रहण-
21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ध ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
20 जून को लगेगा ग्रहण सूतक काल-
21 जून को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल 20 जून को सुबह 09:15 बजे सूतक काल लगेगा। यह सूतक काल 22 जून को सुबह 9 बजे तक रहेगा। प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल सूतक काल के दौरान बंद रहेंगे।
क्या करें।
ग्रहण लगने से पहले खाद्य पदार्थों जैसे कि आटा, दूध में कुश या तुलसी की पत्तियां डाल देनी चाहिए। वहीं, ग्रहण के बाद स्नान करने का प्रावधान है। ग्रहणकाल में छूए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए।
क्या न करें
मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए और ना ही खाना पकाना चाहिए। लेकिन अगर भूख लग ही जाए और कुछ खाना पड़े तो क्या करें? ऐसे में हमने एक्सपर्ट्स से बात की और यह जानने की कोशिश की कि आखिर सूर्य ग्रहण के दौरान हम जो भी खाते हैं उसका क्या असर होता है और ग्रहण के दौरान किन चीजों का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए,