भारत कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ ही रहा था की उसके सामने एक और बड़ी समस्या ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए है। अफ्रीका से चलकर पाकिस्तान के रास्ते होते हुए अब टिड्डिया भारत में लोगो को परेशान कर रही है राजिस्थान की कई फसलों को बर्बाद करने के बाद अब यह दिल्ली की और तूफान की तरह बढ़ रही है।
दिल्ली सरकार ने भी कमर कस ली है और ऐडवायजरी जारी करते हुए अधिकारीयों को यह दिशा निर्देश दिए है की वह बाग़ बगीचों , खड़ी फसलों ,वनस्पति पर कीटनाशकों का छिड़काव करें। साथ ही दिल्ली के लोगो और किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहे है। कृषि विभाग भी पूरी तरह सतर्क है।
वही दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा , ‘अभी दिल्ली में टिड्डियों का प्रकोप नहीं है, लेकिन आसपास के राज्यों से खबर आ रही है उसको लेकर सरकारों ने विभागों के साथ तैयारी शुरू कर दी है सभी एमसीडी, डीएम और एनडीएमसी को एडवाइजरी जारी कर दी है.
जिसको लेकर 2 कदम उठाने के लिए कहा गया है. हॉर्टिकल्चर-एग्रीकल्चर सेंटर को जो जागरूक किया जाए और साथ हो साथ कैमिकल छिड़काव किया जाए. जो इन टिड्डियों का प्रभाव है वो नुकसान होने की संभावना है इसलिए ही पहले ही तैयारियों की तरफ बढ़ेगी. जरूरत पड़ने पर फायर ब्रिगेड़ की गाड़ियों और जो भी उपाय (हेलीकाप्टर छिड़काव) भी करने की ज़रूरत पड़ेगी वो करेंगे. कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से संपर्क में है.’
एडवाइजरी के अनुसार, ‘‘टिड्डी दल दिन में उड़ान भरता है और रात में आराम करता है इसलिए इसे रात में नहीं ठहरने देना चाहिए.”इसमें अधिकारियों से क्लोरोपायरीफोस और मैलाथियोन कीटनाशकों का छिड़काव करने को कहा गया है.दिल्ली का वन विभाग अपनी नर्सरियों में पौधों को टिड्डी के प्रकोप से बचाने के लिए पॉलीथिन से ढकने पर विचार कर रहा है
एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है यह दल
टिडि्डया सामान्यतया 3 से 6 माह तक ही जीवित रहती है। नमी वाले इलाकों में ये एक बार में 20 से 200 तक अंडे देती हैं, जो 10 से 20 दिन में फूटते हैं. शिशु टिड्डी पेड़-पौधे खाती है और 5-6 हफ्ते में बड़ी होती है। इन्हें मारने का सबसे अच्छा उपाय अंडों के फूटते ही उन पर रसायन का छिड़काव कर दिया जाये। टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है। ये एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है।
1 लाख 25 हजार एकड़ खेतों को नुकसान
अलग-अलग राज्यों में टिड्डियों के हमले से 1 लाख 25 हजार एकड़ खेतों को नुकसान पहुंचा है। 4 करोड़ टिड्डियों का दल 35 हजार लोगों के हिस्से का अनाज खा सकती है। मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा हमने मीटिंग की और राज्य को हाई अलर्ट पर रख दिया है। भारत सरकार ने भी हाई अलर्ट पर है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से स्प्रे करके टिड़ियों का 70 परसेंट का सफाया हो चूका है। जिन किसानों को नुकसान हुआ है। उन्हें आरबीसी 6 (4 ) के अंतर्गत मुआवजा देकर क्षतिपूर्ति की जाएगी।
टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए ड्रोनों के जरिए किया जाएगा कीटनाशकों का छिड़काव।
भारत सरकार ने टिड़ियों पर काबू पाने के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय ने बुधवार को इसका ऐलान किया। कृषि मंत्रालय के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई को शर्तों के साथ टिड्डियों के खिलाफ मुहिम छेड़ने के लिए ‘रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम’ को मंज़ूरी दे दी है।
देखते है भारत इस समस्या को कितनी जल्द ख़त्म कर पता है :-