शुक्रवार रात दिल्ली में मध्यम तीव्रता का भूकंप आया। गुरुग्राम, नोएडा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में भी झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीइस) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई है । भूकम्प ने रात 9.08 बजे देश की राजधानी दिल्ली कोके रख दिया । एनसीइस के अनुसार भूकंप का केंद्र हरियाणा का रोहतक क्षेत्र है ।लोग तुरंत ही अपने घरों के बाहर आ गए। किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली। पिछले दो महीनों में, लगातार भूकंपों से दिल्ली असामान्य रूप से हिल गई है। यह झटके लगभग 7 – 8 सेकेंड तक महसूस किये गए। भूकंप के झटके अस्थाई रूप से दो बार आये।
15 मई को दिल्ली में भूकंप
15 मई को राष्ट्रीय राजधानी में भूकंप आया था। तब रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.2 मापी गई थी। यह नई दिल्ली से उत्तर-पश्चिम में 13 किलोमीटर दूर पूर्वाह्न 11.28 बजे आया था । इसका केंद्र उत्तरी दिल्ली में पीतमपुरा था।इसमें भी किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं आयी थी हालाकिं कुछ घरों में दरारें पड़ने की खबर थी ।
10 मई को दिल्ली में भूकंप
दिल्ली-नोएडा और आसपास के इलाकों में 10 मई को भी भूकंप का झटका आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई। शुक्र है कि कोई नुकसान नहीं हुआ।
13 अप्रैल को दिल्ली में भूकंप
इस साल 13 अप्रैल को, रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता के भूकंप ने दिल्ली को हिलाकर रख दिया था। इसका केंद्र पूर्वोत्तर दिल्ली के वज़ीराबाद में 8 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
क्यों आता है भूकंप
जब पृथ्वी की प्लेटे आपस में टकराती है तो भूकंप जैसे हालात पैदा होते है। हलाकि पिछले कई महीनों से आये भूकंप इतने भावशाली नहीं थे। पर कई देशो में 6 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप ने तबाही मचाई है। माना जाता है एक बार भूकंप आने पर दूसरे भूकंप आने की सम्भावना बढ़ जाती है क्यूंकि की पृथ्वी की प्लेट आपस में तालमेल बनाने के लिए टकराने की सम्भावना और बढ़ जाती है।